
आज का पंचांग 4 अगस्त 2025 – जानें आज की तिथि, वार, नक्षत्र, योग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय। दैनिक कार्यों और पूजा-पाठ के लिए जरूरी ज्योतिषीय जानकारी।
तिथि, वार, शुभ मुहूर्त और राहुकाल की संपूर्ण जानकारी
भारतीय वैदिक संस्कृति में पंचांग का विशेष महत्व है। दिन की शुरुआत से पहले पंचांग देखना एक शुभ परंपरा मानी जाती है। पंचांग पांच अंगों – तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण – से मिलकर बना होता है। इसके माध्यम से हम दिन के शुभ-अशुभ योग, मुहूर्त और ग्रहों की चाल की जानकारी प्राप्त करते हैं।
आज हम जानेंगे 4 अगस्त 2025 के पंचांग के सभी महत्वपूर्ण बिंदु – जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, राहुकाल, शुभ मुहूर्त, चंद्रमा की स्थिति आदि शामिल हैं।
आज का पंचांग (4 अगस्त 2025, सोमवार)
विवरण | जानकारी |
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तिथि | दशमी (शुक्ल पक्ष) |
वार | सोमवार |
नक्षत्र | अनुराधा (रात्रि 9:42 बजे तक) |
योग | धृति योग (सुबह 10:24 बजे तक) |
करण | गर करण (सुबह 11:01 बजे तक) |
सूर्योदय | सुबह 05:45 बजे |
सूर्यास्त | शाम 06:56 बजे |
चंद्रमा की स्थिति | वृश्चिक राशि में |
राहुकाल | सुबह 07:30 बजे से 09:00 बजे तक |
गुलिक काल | 01:30 PM से 03:00 PM तक |
यमगण्ड काल | 10:30 AM से 12:00 PM तक |
अभिजीत मुहूर्त | 12:00 PM से 12:50 PM तक |
अमृत काल | शाम 05:20 से 07:10 तक |
पंचांग के पांच अंगों की जानकारी
तिथि (दशमी – शुक्ल पक्ष)
आज श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। दशमी तिथि का उपयोग व्रत, उपवास और कुछ विशेष पूजा-पाठ के लिए किया जाता है। यह तिथि विजयी ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।
वार (सोमवार)
सोमवार भगवान शिव को समर्पित दिन होता है। इस दिन शिव भक्त श्रावण सोमवार व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। सोमवार का दिन मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है।
नक्षत्र (अनुराधा)
अनुराधा नक्षत्र प्रेम, समर्पण और संतुलन का प्रतीक होता है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग कलात्मक, विनम्र और रहस्यमयी होते हैं। आज के दिन कोई रचनात्मक कार्य करना शुभ माना जाता है।
योग (धृति)
धृति योग में कार्य करने से साहस, संकल्प शक्ति और सफलता प्राप्त होती है। यह योग किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए उत्तम है।
करण (गर)
आज के पहले पहर में गर करण है। गर करण का संबंध धन, उन्नति और धार्मिक कार्यों से होता है। इस करण में यात्रा, व्यवसाय और भूमि संबंधी कार्य करना शुभ रहता है।
आज के शुभ मुहूर्त
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विवाह मुहूर्त – अनुपलब्ध (श्रावण मास में सामान्यतः विवाह वर्जित रहता है)
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गृह प्रवेश – असमर्थ
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नव व्यापार आरंभ – दोपहर 12:00 PM से 01:00 PM (अभिजीत मुहूर्त में)
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पूजा-पाठ – प्रातः काल 6:00 AM से 8:00 AM के बीच उत्तम
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यात्रा मुहूर्त – शुभ, चंद्रदर्शन के उपरांत
राहुकाल और अशुभ समय
राहुकाल – 07:30 AM से 09:00 AM तक
इस समय कोई भी शुभ कार्य या नया आरंभ करना वर्जित माना जाता है।
यमगण्ड काल – 10:30 AM से 12:00 PM तक
यमगण्ड काल भी अशुभ माना जाता है। इस समय में बड़े निर्णय या यात्रा से बचना चाहिए।

चंद्रमा की स्थिति
आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में स्थित है। वृश्चिक राशि में चंद्रमा होने से मानसिक चंचलता, संकल्प शक्ति और आत्मविश्लेषण की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
यह स्थिति ध्यान, साधना और रचनात्मक कार्यों के लिए अनुकूल होती है।
आज के व्रत और त्यौहार
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श्रावण सोमवार व्रत: यह व्रत शिव भक्तों द्वारा किया जाता है। इसमें जल, दूध, बेलपत्र आदि से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है।
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कामिका एकादशी कल: आज दशमी है, कल कामिका एकादशी है जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
आज क्या करें, क्या न करें?
करें:
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शिव पूजा एवं शिव चालीसा का पाठ
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संयम और साधना का पालन
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किसी जरूरतमंद को जल या भोजन दान करें
न करें:
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राहुकाल में यात्रा या नया कार्य
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क्रोध या विवाद की स्थिति
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लोभवश निर्णय लेना
निष्कर्ष:
4 अगस्त 2025 का पंचांग धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह श्रावण सोमवार का दिन है। आज शिव आराधना, ध्यान-साधना और शुभ कर्मों का दिन है। पंचांग की सहायता से हम अपने दिन की योजना बेहतर तरीके से बना सकते हैं। शुभ मुहूर्त और अशुभ समय की जानकारी हमें गलत निर्णयों से बचाती है।
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