
UPI Update 2025: में लागू हुए UPI पेमेंट के नए नियमों में ट्रांजैक्शन लिमिट, चार्जेस, और सेफ्टी को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं। जानें इन नए नियमों की पूरी जानकारी इस आर्टिकल में।
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ToggleUPI Update 2025:अब ट्रांजैक्शन लिमिट चार्जेस और सिक्योरिटी में जानिए नया अपडेट
भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए UPI (Unified Payments Interface) एक क्रांतिकारी कदम रहा है। NPCI द्वारा संचालित यह सिस्टम 2016 में लॉन्च हुआ और आज यह देश के सबसे भरोसेमंद और तेज पेमेंट प्लेटफॉर्म में से एक बन चुका है। साल 2025 में सरकार और RBI ने UPI पेमेंट से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य लेनदेन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और यूज़र फ्रेंडली बनाना है। आइए जानते हैं 2025 में UPI पेमेंट से जुड़े सभी नए नियम, बदलाव और उनके असर के बारे में।
1. UPI पेमेंट के नए नियम 2025 में
2025 में RBI और NPCI द्वारा लागू किए गए कुछ अहम UPI नियमों में ये बदलाव शामिल हैं:
1.1 ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव:
अब तक UPI के माध्यम से एक दिन में ₹1 लाख तक का लेनदेन किया जा सकता था। लेकिन 2025 के नए नियमों के तहत यह लिमिट कुछ खास केटेगरी के लिए बढ़ा दी गई है:
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शिक्षा और हेल्थ पेमेंट: ₹5 लाख तक की अनुमति।
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व्यापारिक लेनदेन: ₹2 लाख तक की लिमिट।
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P2P ट्रांसफर (व्यक्तिगत): पुरानी लिमिट ₹1 लाख ही बरकरार।
1.2 UPI चार्जेस का नया स्ट्रक्चर:
हालांकि UPI पेमेंट्स सामान्य ग्राहकों के लिए अब भी फ्री हैं, लेकिन कुछ मामलों में सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा चार्ज लिया जा सकता है:
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Prepaid Wallet से बैंक अकाउंट में ट्रांसफर: 1.1% तक का चार्ज।
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B2B ट्रांजैक्शन: कुछ सीमाओं के बाहर शुल्क संभव।
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ग्राहकों को नोटिफिकेशन के जरिए इन शुल्कों की जानकारी दी जाएगी।
1.3 UPI पेमेंट पर OTP आधारित वेरिफिकेशन:
अब बड़े ट्रांजैक्शन (₹10,000 से ऊपर) पर OTP आधारित सेकेंड फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
1.4 AI आधारित फ्रॉड डिटेक्शन:
नए नियमों के अनुसार, सभी प्रमुख UPI ऐप्स को AI (Artificial Intelligence) आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम अपनाना होगा। यह सिस्टम संदेहास्पद गतिविधियों को तुरंत पहचानकर अलर्ट भेजेगा।
2. व्यापारियों (Merchants) के लिए नए निर्देश
2025 के UPI नियमों में व्यापारियों के लिए भी कुछ नए दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं:
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सभी व्यापारी अब अपने QR कोड को NPCI के मानकों के अनुसार अपडेट करेंगे।
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व्यापारियों को अपने ग्राहकों को पेमेंट रिसीव करने पर रसीद भेजना अनिवार्य है।
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UPI पेमेंट फेल होने की स्थिति में 48 घंटे के भीतर रिफंड अनिवार्य।
3. UPI पेमेंट में बढ़ाई गई सुरक्षा
3.1 Biometric Authentication:
अब कुछ मोबाइल डिवाइसेज़ पर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन (फिंगरप्रिंट/फेस ID) से पेमेंट की पुष्टि की जाएगी।
3.2 Auto Pay नियमों में बदलाव:
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ऑटो डेबिट फीचर्स के लिए अब मासिक कंफर्मेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
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यूज़र को हर महीने SMS या App Notification के माध्यम से पुष्टि करनी होगी।
4. UPI के नए फीचर्स
4.1 UPI Lite+:
नए UPI Lite+ फीचर से यूज़र बिना इंटरनेट के भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। ये सुविधा ग्रामीण इलाकों के लिए वरदान साबित होगी।
4.2 UPI इंटरनेशनल:
अब भारतीय यूजर्स UPI के माध्यम से विदेशी व्यापारियों को भी पेमेंट कर सकते हैं। यह सुविधा फिलहाल UAE, सिंगापुर, भूटान और नेपाल जैसे देशों में शुरू हो चुकी है।
ऑफिशियल वेबसाइट https://www.npci.org.in/
5. इन बदलावों का यूज़र्स पर प्रभाव
प्रभाव | विवरण |
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सुरक्षा में वृद्धि | OTP और AI डिटेक्शन से फ्रॉड की घटनाओं में कमी |
सीमित शुल्क | कुछ प्रीपेड या B2B ट्रांजैक्शन पर चार्ज लग सकता है |
ग्रामीण क्षेत्र में सुविधा | UPI Lite+ से ऑफलाइन ट्रांजैक्शन संभव |
इंटरनेशनल पेमेंट | विदेश में पेमेंट और व्यापार करना आसान होगा |

6. क्या करें और क्या न करें (Do’s and Don’ts)
क्या करें:
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हर महीने अपने ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन की पुष्टि करें।
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बड़े ट्रांजैक्शन पर OTP की पुष्टि ज़रूर करें।
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किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
क्या न करें:
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अपना UPI पिन किसी के साथ साझा न करें।
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अनजान कॉल्स पर UPI वेरिफिकेशन से बचें।
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बिना QR कोड चेक किए पेमेंट न करें
निष्कर्ष
2025 में लागू हुए UPI पेमेंट के नए नियम यूज़र्स की सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। जहां एक ओर लेनदेन में अतिरिक्त सुरक्षा जोड़ी गई है, वहीं दूसरी ओर व्यापारियों और ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल पेमेंट से जोड़ने की कोशिश की गई है। यदि आप भी UPI यूज़र हैं, तो इन नियमों की जानकारी रखना आपके लिए बेहद जरूरी है।
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