Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana: जब हम खेतों की मिट्टी को देखते हैं, तो उसमें सिर्फ बीज नहीं होते उम्मीदें भी होती हैं। उन उम्मीदों को साकार करने के लिए सरकार ने एक नया कदम उठाया है, किसान भाई-बहनों की मेहनत को पहचान देने के लिए एक ऐसी योजना तैयार की है, जो उनके जीवन में बदलाव ला सके। यह है Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana), जिसे जुलाई 2025 में मंज़ूरी मिली है। इसे 2025-26 से शुरू किया जा रहा है और छह वर्षों तक चलेगी, जिसमें 100 चुनिंदा जिलों की कृषि और उसके सहयोगी क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।
कौन से जिलों को मिलेगा साथ और क्यों

Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana उन जिलों पर केंद्रित है जहाँ कृषि-उपज कम है, जहाँ फसलों की संख्या कम होती है, जहाँ किसानों को कृषि ऋण मिलना मुश्किल होता है। ऐसे जिलों की पहचान तीन मानदंडों के आधार पर की गई है: उत्पादन की कमी, फसल चक्र कम होना और ऋण वितरण में पिछड़ापन। हर राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र से कम-से-कम एक जिला शामिल होगा। उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है ताकि इस योजना का अच्छा भाग राज्य को मिल सके, क्योंकि UP ऐसे प्रमुख कृषि राज्यों में से एक है।
क्या-क्या बदलेगा खेतों में
Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana के ज़रिये किसानों को सिर्फ पैसों की मदद नहीं मिलेगी बल्कि लंबे समय तक स्थायी सुधार होंगे। योजना में शामिल है फसल विविधीकरण (किसी एक फसल पर निर्भरता कम करना), टिकाऊ कृषि पद्धतियाँ (जैसे मिट्टी की सेहत और पानी की बचत), पंचायती और ब्लॉक स्तर पर उपज के बाद के भंडारण सुविधाएँ (post-harvest storage), सिंचाई सुविधाओं में सुधार और किसानों को शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म ऋण मिलना आसान बनेगा। ये सब उपाय मिलकर खेतों में उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आमदनी में इज़ाफ़ा करने में सहायक होंगे।
योजना की ताकत: संयोजन और निगरानी
Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana की सबसे बड़ी ताकत है कि यह 36 मौजूदा केंद्रीय योजनाओं को 11 विभिन्न मंत्रालयों के सहयोग से जोड़ती है। इससे योजनाएँ बिखरी नहीं होंगी बल्कि एक-संयोजित प्रयास होगा। राज्य स्तर की योजनाएँ और निजी क्षेत्र की साझेदारी भी इसमें शामिल होंगी ताकि स्थानीय ज़रूरतों के मुताबिक हल हो सके।
निगरानी के लिए तीन-स्तरीय समितियाँ बनाई जाएँगी जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर। प्रत्येक जिले में District Dhan Dhaanya Samiti बनेगी जिसमें प्रगतिशील किसान भी होंगे। जिलों के कामकाज की प्रगति 117 महत्वपूर्ण प्रदर्शन संकेतकों (key performance indicators) के ज़रिये मंथन के माह-वार अपडेटDashboard पर होगी। NITI Aayog गाइड करेगा, साथ ही हर जिले के लिए केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे।
किसानों की उम्मीदें और राज्य का रुझान

UP ने इस योजना के लिए पहले से ही सक्रियता दिखाई है। वहाँ की कृषि विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है कि कैसे छोटे और सीमांत किसान आधुनिक तरीकों, सिंचाई सुधार और संग्रहीत भंडारण सुविधाओं से इस योजना से लाभ उठा सकें। अगर यह काम सफल हुआ, तो किसानों की आमदनी बढ़ेगी, खेती कम जोखिम भरी होगी और राज्य की आख़िरी स्थिति में कृषि क्षेत्र में सुधार जल्द दिखाई देगा।
Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana उन किसानों के लिए एक नई सुबह ला सकती है, जो लगातार कठिन परिश्रम करते हैं लेकिन संसाधनों की कमी या ऋण की अनुपलब्धता के कारण पिछड़ जाते हैं। जब सड़कों, पानी, मंडियों, वित्त की सुविधाएँ होंगी, तो खेतों में सुधार होगा और सपने भी सच होंगे।
Pradhan Mantri Dhan-Dhanya Krishi Yojana सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है; यह एक उम्मीद है उन किसानों के लिए जो दिन-रात पसीना बहाते हैं और चाहते हैं कि उनकी मेहनत रंग लाए। इस योजना का लक्ष्य सिर्फ कृषि उत्पादन बढ़ाना नहीं बल्कि किसानों की जिंदगी को स्थायी रूप से बदलना है। वक्त है कि हम इस योजना को पूरी निष्ठा से लागू करें, ताकि हर पहाड़ी, हर मैदानी, हर छोटे खेतों वाले किसान को विकास की सौगात मिले।
आधिकारिक वेबसाइट: pmddky.com
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ जानकारी और जन-चेतना बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना के विवरण, चयन जिलों की सूची, बजट या कार्यान्वयन समय-सीमा आदि सरकार द्वारा समय-समय पर बदले जा सकते हैं। योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधिकारिक स्रोतों या संबंधित विभागों से पुष्टि अवश्य करें।
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