
शनि अमावस्या 2025: हिंदू पंचांग में आने वाली अमावस्या तिथियों में से कुछ विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व रखती हैं। इनमें से एक है शनि अमावस्या (Shani Amavasya)। यह दिन शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन किए गए दान-पुण्य, शनि दोष निवारण और पितरों की शांति के उपाय विशेष फलदायी होते हैं।
शनि अमावस्या 2025 की तिथि और समय
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तिथि: शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहा जाता है।
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2025 में मुख्य तिथि:
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25 जनवरी 2025 (शनिवार)
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21 जून 2025 (शनिवार)
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20 दिसंबर 2025 (शनिवार)
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👉 इन तिथियों पर शनिदेव की विशेष पूजा और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
शनि अमावस्या का धार्मिक महत्व
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इस दिन शनिदेव की पूजा और व्रत रखने से शनि दोष और साढ़ेसाती के कष्ट कम होते हैं।
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पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व है।
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इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़कर मिलता है।
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कार्मिक ऋण और पिछले कर्मों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए यह दिन उत्तम है।
शनि अमावस्या पूजा विधि और उपाय
1. प्रातः कालीन स्नान
गंगा जल मिलाकर स्नान करें और काले तिल पानी में डालकर नहाना शुभ होता है।
2. शनिदेव की पूजा
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शनिदेव की प्रतिमा या पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
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सरसों का तेल, काला तिल, और नीला फूल अर्पित करें।
3. दान का महत्व
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काले कपड़े, तिल, लोहे की वस्तुएं और अन्न का दान करना शुभ।
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गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना विशेष फल देता है।
4. पितरों के लिए तर्पण
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पितरों की आत्मा की शांति हेतु जल अर्पण करें।
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इससे पारिवारिक जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
ज्योतिषीय दृष्टि से शनि अमावस्या
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन का महत्व अत्यधिक है।
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शनि दोष, ढैया और साढ़ेसाती से पीड़ित जातकों को इस दिन उपाय करना चाहिए।
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शनि की क्रूर दृष्टि से बचने और भाग्य वृद्धि के लिए इस दिन विशेष पूजा करना लाभकारी है।
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इस दिन किया गया जप-तप और दान मनोकामना पूर्ण करता है।
शनि अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें (Dos & Don’ts)
क्या करें
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काले तिल और तेल का दान करें।
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गरीबों को भोजन और कपड़े दें।
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पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
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शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
क्या न करें
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झूठ न बोलें और किसी को कष्ट न दें।
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नशे से दूर रहें।
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बुरे कर्मों से बचें।
शनि अमावस्या पर किए जाने वाले खास उपाय
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तेल का दीपक जलाना – पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीप जलाने से शनि दोष कम होता है।
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काले कुत्ते को रोटी खिलाना – शनिदेव प्रसन्न होते हैं और बाधाएं दूर होती हैं।
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हनुमान जी की पूजा – शनि की पीड़ा कम करने में हनुमान उपासना विशेष लाभकारी होती है।
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शनि यंत्र की स्थापना – घर में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
निष्कर्ष
शनि अमावस्या का दिन श्रद्धा और भक्ति से किया गया पूजा-पाठ, दान और उपाय जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर करने वाला माना गया है। इस दिन विशेषकर शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैया से पीड़ित लोग यदि उचित विधि से पूजा और दान करते हैं तो उन्हें शीघ्र ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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